Highway FASTAG(फास्ट एक्टिवेशन स्मार्ट टैग) : नए साल के साथ भारतीय सड़कों पर परिवहन व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आया है। FASTAG सिस्टम, जिसे पहले टोल टैक्स वसूलने के लिए अनिवार्य किया गया था, अब समाप्त हो गया है। इस बदलाव के बाद से यात्री और वाहन मालिकों को अब टोल पेमेंट करने का एक नया तरीका अपनाना होगा। यह कदम भारतीय सरकार द्वारा टोल कलेक्शन की प्रक्रिया को और भी सरल और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
Highway FASTAG सिस्टम का अंत: एक नजर
FASTAG (फास्ट एक्टिवेशन स्मार्ट टैग) एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम था, जिसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चालकों से टोल वसूलने के लिए लागू किया गया था। इस प्रणाली में वाहन की विंडस्क्रीन पर एक टैग लगाया जाता था, जो RFID (राडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टेक्नोलॉजी के माध्यम से टोल बूथ पर वाहन के गुजरते ही टोल शुल्क स्वचालित रूप से काट लेता था। हालांकि, अब इसे समाप्त कर दिया गया है और इसके स्थान पर एक नया तरीका लागू किया जा रहा है।
(फास्ट एक्टिवेशन स्मार्ट टैग) : नए सिस्टम की शुरुआत: कैसे कटेगा टोल टैक्स?
अब FASTAG सिस्टम की जगह नया तरीका अपनाया गया है, जिससे टोल शुल्क की प्रक्रिया को और भी अधिक डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाएगा। इस नए सिस्टम में वाहन मालिकों को डिजिटल प्लेटफार्म पर पंजीकरण कराना होगा और टोल शुल्क उनके बैंक खाते से स्वचालित रूप से कट जाएगा।
नए टोल कलेक्शन सिस्टम के प्रमुख फीचर्स
- डिजिटल भुगतान
वाहन मालिकों को अब टोल के भुगतान के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग करना होगा। इसमें विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स और बैंकिंग सिस्टम शामिल होंगे। - मल्टी-पेमेंट ऑप्शन
अब वाहन मालिकों को केवल एक ही माध्यम से भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें विभिन्न पेमेंट गेटवे का विकल्प मिलेगा, जैसे कि यूपीआई, मोबाइल वॉलेट्स, और अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स। - ऑटोमेटेड कलेक्शन
टोल कलेक्शन का तरीका पूरी तरह से स्वचालित होगा। इसका मतलब है कि जैसे ही वाहन टोल बूथ से गुजरेगा, उसका टोल शुल्क तुरंत कट जाएगा। - हाइब्रिड भुगतान विधि
अगर किसी कारणवश डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से भुगतान नहीं हो पाता है, तो वाहन मालिकों को बैक-अप भुगतान विधि के रूप में नकद भुगतान का विकल्प मिलेगा।
नए सिस्टम में क्या बदलाव आएंगे?
नए सिस्टम में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका प्रभाव वाहन चालकों पर होगा।
- टोल स्टेशनों का डिजिटलीकरण
अब टोल स्टेशनों पर अधिकांश कार्य डिजिटली तरीके से किया जाएगा। - ऑनलाइन रिचार्ज सिस्टम
अब टोल शुल्क का भुगतान ऑनलाइन रिचार्ज के माध्यम से किया जा सकेगा। - कोरोना के बाद की स्थिति
कोरोना महामारी के बाद से लोगों ने डिजिटल माध्यमों को अधिक प्राथमिकता दी है। इसीलिए सरकार ने डिजिटल कलेक्शन सिस्टम को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
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नए सिस्टम के फायदे
- समय की बचत
नए तरीके से टोल शुल्क तुरंत कटने से ट्रैफिक में समय की बचत होगी। - टोल शुल्क की पारदर्शिता
डिजिटल माध्यम से टोल कलेक्शन करने से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी। - भ्रष्टाचार में कमी
क्योंकि अब टोल कलेक्शन पूरी तरह से डिजिटल होगा, इसलिए भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी। - सुविधा
वाहन मालिकों को अब किसी भी टोल बूथ पर खड़ा होकर पैसे नहीं देने पड़ेंगे।
नए सिस्टम में क्या समस्याएं आ सकती हैं?
हालांकि इस नए सिस्टम को लागू करने के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं।
- इंटरनेट की कमी
ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में इंटरनेट की समस्या हो सकती है, जिससे टोल भुगतान में परेशानी हो सकती है। - आधिकारिक जानकारी का अभाव
कई वाहन मालिकों को नए डिजिटल सिस्टम के बारे में जानकारी नहीं हो सकती है, जिससे वे इसके बारे में सही से जानकारी नहीं पा सकेंगे। - तकनीकी समस्या
अगर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में तकनीकी खामी आती है, तो टोल भुगतान में देरी हो सकती है।
टोल टैक्स को लेकर लोगों के सवाल और जवाब (FAQ)
क्या अब टोल टैग जरूरी नहीं है?
हां, अब FASTAG की जरूरत नहीं है। इसके स्थान पर डिजिटल पेमेंट का तरीका अपनाया गया है।
मुझे टोल भुगतान करने के लिए क्या करना होगा?
आपको अपने वाहन का पंजीकरण ऑनलाइन करना होगा और फिर टोल शुल्क भुगतान के लिए विभिन्न डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करना होगा।
क्या पुराने FASTAG से जुड़े खाते अब भी काम करेंगे?
नहीं, अब पुराने FASTAG खातों का कोई उपयोग नहीं होगा। नए सिस्टम में आपको फिर से पंजीकरण कराना होगा।
क्या मुझे टोल भुगतान के लिए नकद राशि लानी होगी?
अगर डिजिटल भुगतान नहीं हो पाता, तो आपको नकद भुगतान का विकल्प मिलेगा।
निष्कर्ष
नए साल में FASTAG के खत्म होने के बाद भारत में टोल टैक्स कलेक्शन का तरीका पूरी तरह से बदल चुका है। अब यह प्रणाली और भी सरल, स्वचालित और पारदर्शी होगी। हालांकि इस बदलाव से पहले कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं, लेकिन समय के साथ लोग इसे समझेंगे और इस प्रणाली को अपनाएंगे। इस बदलाव के साथ, सरकार का उद्देश्य लोगों को एक बेहतर और तेज़ यात्रा अनुभव प्रदान करना है।